कुछ इस क़दर ठहर सी गयी है ये ज़िन्दगी,
कि अब तो सुबह का दर्द भी शाम को पुराना सा लगता है !!
Kuchh is kadar thehar si gayi hai ye zindagi,
Ki ab to subah ka dard bhi shaam ko puraana sa lagta hai
कुछ इस क़दर ठहर सी गयी है ये ज़िन्दगी,
कि अब तो सुबह का दर्द भी शाम को पुराना सा लगता है !!
Kuchh is kadar thehar si gayi hai ye zindagi,
Ki ab to subah ka dard bhi shaam ko puraana sa lagta hai