देखूँगा कभी ऐ शऱाब,
तुझे अपने लबों से लगाकर,
तू मुझमे बसेगी,
कि मैं तुझमें बसूँगा।
Dekhunga kabhi e sharaab,
Tujhe apne labon se lagaakar,
Tu mujhme basegi,
Ki main tujhme basungaa ….
By Asli Shayari
देखूँगा कभी ऐ शऱाब,
तुझे अपने लबों से लगाकर,
तू मुझमे बसेगी,
कि मैं तुझमें बसूँगा।
Dekhunga kabhi e sharaab,
Tujhe apne labon se lagaakar,
Tu mujhme basegi,
Ki main tujhme basungaa ….
No related posts found